सुप्रीम कोर्ट ने गुज़री 7 मई को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिले हुए बंगलों को खाली करने का आदेश दिया था. इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्रियों ने इस आदेश पर अमल करना भी शुरू कर दिया. लेकिन यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने ऐसा न करने के लिए एक खेल खेला है.
वे लखनऊ में 13-ए, मॉल एवेन्यू रोड़ स्थित बंगले में रहती हैं जिसे खाली करने का आदेश दिया गया था. लेकिन एक-दो दिन पहले इसके बाहर एक बोर्ड लगा दिया गया है. इस बोर्ड पर बसपा के संस्थापक कांशीराम की फोटो लगी है और लिखा है, “श्री कांशीराम जी यादगार विश्राम स्थल.”
कयास है कि मायावती इस बंगले को खाली नहीं करना चाहती हैं इसलिए उन्होंने ऐसा करवाया है.
इस मामले पर एक बसपा नेता ने कहा है कि इस बंगले में कांशीराम ने अपने संघर्ष का समय बिताया था. आखिरी वक्त में जब बीमार हुए तो उन्हें दिल्ली ले जाया गया था, उससे पहले वो यहीं रहे थे. उनकी एक बड़ी मूर्ति भी इस बंगले में लगी है. साथ ही कांशीराम संग्रहालय भी बना हुआ है. इस बंगले से कांशीराम की यादें जुड़ी हैं ऐसे में इसका नाम बदलना सही है.
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक मायावती 2007 में सीएम बनने के बाद इस बंगले में शिफ्ट हुई थीं. तब इस बंगले के बगल में कांशीराम विश्राम स्थल था जिसे बाद में बंगले में मिला लिया गया. इसलिए इस बंगले पर अब विश्राम स्थल का बोर्ड लगा दिया है. मायावती के बंगले का किराया 4,212 रुपए महीना है जबकि कांशीराम विश्राम स्थल का किराया करीब 72 हजार रुपए था. अब मायावती दोनों का किराया चुकाकर ये बंगला अपने पास रखना चाहती हैं.
हालांकि, मायावती का एक निजी घर भी इस सरकारी बंगले के पास है. 9, मॉल एवेन्यू रोड़ वाले इस घर की साफ-सफाई और रख-रखाव किया जा रहा है. यह घर मायावती ने सीएम रहते हुए 2010 में खरीदा था. सरकारी बंगला जाने की स्थिति में मायावती इस बंगले में शिफ्ट हो जाएंगी. इसके पास ही बसपा का कार्यालय भी है.
उत्तर प्रदेश सरकार में विशेष सचिव योगेश शुक्ला ने कहा है कि ऐसे किसी सरकारी बंगले का नाम नहीं बदला जा सकता है. किसी बंगले को ऐसे किसी विश्राम स्थल में नहीं बदल सकते. इस बात की जांच की जाएगी कि यहां पहले कोई विश्राम स्थल था या नहीं. लेकिन इस बोर्ड को लगाने से सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
मायावती ने बंगला बचाने की ये आखिरी कोशिश की है. साथ ही दूसरी जगह रहने का इंतजाम भी शुरू कर दिया है.
बंगला छोड़ने की इस कड़ी में एनडी तिवारी, कल्याण सिंह, मुलायम सिंह, राजनाथ सिंह और अखिलेश यादव के नाम शामिल हैं. अखिलेश ने बंगला खाली करने के लिए सरकार को पत्र लिखकर थोड़ा समय मांगा है. मुलायम ने भी नया ठिकाना पास ही देख लिया है. अब देखना है मायावती की ये जुगत काम आती है या नहीं.
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सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी बंगला खाली करने को कहा था, लेकिन मायावती ने ये किया
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May 23, 2018
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